| 俳句 | 点数 |
|---|---|
| 夕焼けの真中をよぎる鴉かな | |
| 宅配の行く夕焼の真下まで | |
| 夕焼に攫われてゆきし車椅子 | |
| 延暦で湯を沸かしてる大夕焼 |
| 夕焼に攫われてゆく竹生島 | |
| 蛍舞う門に掲ぐる忌中札 | |
| 夏至過ぎて増えゆく夜を持て余し | |
| 俊足の埃の如く蝿の飛ぶ | |
| あの頃は火垂るの墓の様な日々 | |
| 南京の蔓が背伸びし梅雨の空 |
| 俳句 | 点数 |
|---|---|
| 夕焼けの真中をよぎる鴉かな | |
| 宅配の行く夕焼の真下まで | |
| 夕焼に攫われてゆきし車椅子 | |
| 延暦で湯を沸かしてる大夕焼 |
| 夕焼に攫われてゆく竹生島 | |
| 蛍舞う門に掲ぐる忌中札 | |
| 夏至過ぎて増えゆく夜を持て余し | |
| 俊足の埃の如く蝿の飛ぶ | |
| あの頃は火垂るの墓の様な日々 | |
| 南京の蔓が背伸びし梅雨の空 |